जनवादी बुनियाद की वैचारिक जद्दोजहद और एक नई सामाजिकता की जरूरत
हमारा समाज अच्छी किताबों को पढ़ने और उन पर सार्थक विचार-विर्मश करने को लेकर खास उत्साह नहीं रखता
जनवादी बुनियाद की वैचारिक जद्दोजहद और एक नई सामाजिकता की जरूरत
Inert City & the Periphery as the New Site of Protest
‘Republic’ of Singhu, Tikri and Ghazipur: Practicing an alternative mode of politics